Lal Kitab
खुद इंसांन की पेश न जावे , हुकम विआदाता होता है|
सुख दौलत और साँस आखरी, उम्र का फैसला होता है ||बीमारी का इलाज है मगर मौत का कोई इलाज नहीं है दुनियावी हिसाब किताब है कोई दावा -ऐ – खुदाई नहीं |
समय करे नर क्या करे , समय बड़ा बलवान |
असर गृह सभी पर होगा, परिंदा पशु इंसान |

क्या है ज्योतिष ?
पुराने समय से मनुष्ये की यही कोशिश रही है की जीवन को कैसे खुशहाल बनाया जाए और भविष्ये को कैसे जाना जाए | आम तौर पर यही देखा जाता है जो मनुष्ये को जिस चीज़ का ज्ञान नहीं उसे जानने की इच्छा हमेशा से रही है | समय के मुताबिक अलग अलग ज्ञान को प्रयोग में लाया गया | जैसे ज्योतिष प्रणाली, हस्त रेखा विज्ञान, टर्रो कार्ड, लोशो ग्रिड, अंक ज्योतिष | प्रभा मंडल को समझने की विधि या विभिन योगियों द्वारा, सूख्श्म शक्तियो का प्रयोग किया जाना इसका प्रमाण है | गीता में इसका उद्धरण उपलब्ध है | महाभारत के समय संजय को दिव्या ज्योति प्रदान किये जाने का, जिससे की घट रही घाटनाओ को देख सकता है |
विभिन पध्दतियों में आज एक पद्धति जो बहुत अधिक प्रचलित हो रही है | उससे लोग लाला किताब के नाम से जानते है | लाल किताब एक वास्तिक एक पुस्तक नहीं है बल्कि ज्योतिष सहत्र की विशेष पद्धति है |
ग्रहों और राशि के बारे में जानिये विस्तार से !
राशियाँ राशिचक्र के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर ज्योतिषी आधारित है। हर राशि का नाम उस तारामंडल पर डाला जाता है जिसमें सूरज उस माह में (रोज़ दोपहर के बारह बजे) मौजूद होता है। हर वर्ष में सूरज इन बाराहों राशियों का दौरा पूरा करके फिर शुरू से आरम्भ करता है।
हर राशि सूरज के क्रांतिवृत्त (ऍक्लिप्टिक) पर आने वाले एक तारामंडल से सम्बन्ध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है |
जैसे की मिथुन राशि और मिथुन तारामंडल। इस प्रकार है 12 राशियां
1) मेष राशि 2) वृष राशि 3) मिथुन राशि 4) कर्क राशि 5) सिंह राशि 6) कन्या राशि
7) तुला राशि 8) वॄश्चिक राशि 9) धनु राशि 10) मकर राशि 11) कुम्भ राशि 12) मीन राशि