November 9, 2020|suyaashsinha@gmail.com|0 Comments
सूर्य - ग्रहो में राजा ! चमकता सितारा सूरज | सूरज एक घर बादल के नीचे | सूरज गुरु और पिता को कहा गया है | पर खुद शनि का पिता है | रूह और संसार का मालिक बृहस्पति गृह है | दुनिआ और शरीर यानि बुत सब सूर्य का है | सूरज अपने जिस्म से दूसरो की मदद करने की ताकत का मालिक है | सर्दी गर्मी लाली और खाली जगह हर वक्त मौजूद होना -इसके ज़रूरी पहलू हैं | सूर्य के बगैर किस्मत एक अँधेरी चीज़ है | और हवा(बृहस्पति) के बगैर सूर्य की गर्मी से भरी हुई किस्मत कुंडली वाले और नज़दीकी साथियों दम घोटने वाली होगी | या ये भी कह सकते है की सूरज के बगैर अँधेरी की ज़िन्दगी है | सूरज की साड़ी कामयी खुद पैदा करके दौलत और जायदाद होगी, न बृहस्पति की आस रखेगा न शनि की मदद ढूंढेगा | यानी खुद अपने आप घिसायगा और धन दौलत पाएगा | कुंडली में खानो में सूर्य का असर -:
लगन में सूर्य का असर राजे के सामान और दानी खाना 2 का असर |
खान 3 में अपनी मेहनत से दौलत मंद होगा |
खाना 4 में जोड़ता रेहजायगा पैसे/जायदाद |
खाना 5 में औलाद से सुख पाएगा |
खाना 6 पैसे की चिंता रहेगी |
खान 7 में परिवार में कमी होगी |
खाना 8 तपस्वी होगा |
खाना 9 में सूर्य जब हो तो जातक अपनी और परिवार बढ़ाये |